हंसने हंसाने का काम बहुत हुआ , अब रहा नहीं कोई बाकिपीने पिलाने का भी […]
अपने ही बगावत करते हैं
कुछ लोग बिना बताये , कुछ बताकर शरारत करते हैंकुछ मज़बूरी से, कुछ दरियादिली से […]
मोक्ष का ज्ञान…
सीखने की इच्छा हो , तो लोग मेघ को पानी देता देख भी दान सीख […]
माँ…
माँ देवी है, दौलत हैं, प्रेम के रिश्तो की मूरत हैन करती निवास मंदिर में, […]
क्या जताना चाहती हो
यूँ आँखों से ओझल होकर , तुम क्या दिखाना चाहती होऐसे मुख को हमसे मोड़कर […]
मैं मान रहा मैं मान रहा…
मैं मान रहा मैं मान रहा इन वीरो ने ही आजादी दिलवाई हैये सैनिक नहीं, […]
साईं हूँ
कभी मुझे ऊँचा दीखता आसमान कहा गयाकभी मुझे मंदिर में बैठा भगवान कहा गयासबका मालिक […]
शब्द…
आसमाँ को देखकर , ऊँचा उठने को मन करता हैदेखकर इन्द्रधनुष , खुद को रंगने […]
वो चित्रकार है बड़ा
क्या आकार है मालिक का, ये मैं बता नहीं सकताकितना सुंदर है ये भी तुम्हे […]
तो मेरा जवाब सुनिए जनाब
Amin bhai please is group ka naam change karke GURMEET SINGH ‘GUNNI’ KI PAKKAU SHAAYARIYAN kar […]