मामूली नहीं स्थिति देश की…. गंभीर हैं घाटी से निकल रहे…….. नुकीले तीर हैं वीरो […]
नई शुरुआत कर लेते हैं
उनकी तरफ से हमारे लफ्जो में.. आखिरी शे’र खास आपकी खतिर भूल जाते हैं सब, […]
वजूद कहाँ
कम्बख्त मेरे अल्फाजो का वो वजूद कहाँ जो कोई जवाब तेरी निगाहों का दे सकें.. […]
सुकून कहीं दूर छूट गया
जिंदगी के सफर में बड़ा दूर चला आया हूँ चैन और सुकून कहीं दूर छूट […]
हिंदुस्तान बचा लीजिये
एक बार फिर… बनकर भगवान, आप हिन्द का मान सम्मान बचा लीजिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर […]
ढूंढ लेता हूँ
बेगाने शहर में मैं अपना घर ढूंढ लेता हूँ मिट्टी सा हूँ मैं, मिट्टी में […]
है कईं
किताबो में हुनर है कईं कवि , तो शायर है कईं #गुनी…
ठीक नहीं है
किसी को रात भर जगाना, ठीक नहीं है अपनी ही रूह को सताना, ठीक नहीं […]
इबादत में ले लो
मियां, एक दफा मेरा नाम इबादत में ले लो फिर इस दिल को अपनी हिरासत […]
किनारा कर लिया
कुछ शे’र आपकी खिदमत में…?? बड़े सवाल करता है कम्बख्त दिल मेरा तौबा कर यादो […]