मैं तुझे अपना कह लूँ क्या यही गुजारिश है
कुछ पल और दो साथ मेरा यही ख्वाईश है
अरे नहीं नहीं , नहीं नहीं रोती है आँखें मेरी
तुम गौर से देखो ये तो सावन की बारिश है
#गुनी…
मेरी अपनी कहानी
मैं तुझे अपना कह लूँ क्या यही गुजारिश है
कुछ पल और दो साथ मेरा यही ख्वाईश है
अरे नहीं नहीं , नहीं नहीं रोती है आँखें मेरी
तुम गौर से देखो ये तो सावन की बारिश है
#गुनी…