तब से आराम आ गया

जाने कहाँ से लव्जो में उसका नाम आ गया
आज जालिम का बेवक़्त ही पैगाम आ गया

दस्तूर देखिए मियां कत्ल उसने हमारा किया
मेरे कत्ल का, खुद मेरे सर इल्जाम आ गया

हम कब के मिलकर एक हो जाते हवाओ में
मगर इधर पुजारी और उधर इमाम आ गया

दास्तान पुरानी है ये तो, सारी की सारी मियाँ
जाने आज कहाँ से, उसका सलाम आ गया

इतना ही याद आया किस्सा मुझे मेरे दर्द का
कि फिर कहीं से भरा हुआ वो जाम आ गया

बड़ा दर्द दिया कम्बख्त, इन हादसों ने मियां
खुश हूँ उसी का दिया रूमाल काम आ गया

ये सब हरुप ऐसे ही थोड़े, वो तो हम रो पड़े
जब वो खत अश्को का, कल शाम आ गया

मौहल्ले के रास्तो से कुछ भी न हुआ हासिल
मैं थककर, होकर सरेआम बदनाम आ गया

उसने धीरे से कहा, मेरे जाने पर खुश रहना
सांस रुक गई हमारी तब से आराम आ गया

#गुनी…

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