खुश रहो अपने संसार मे

आज फिर एक बार तुम्हारे लिए…

मैं रात भर जागा, सिर्फ तेरे इंतजार में
मैं आंसुओं का दरिया बना तेरे प्यार में

नसीब में कांटे ही हैं अगर मालूम होता
फूलो पर ऐतबार न करता मैं संसार में

अहसास जो होता, तू मेरी अपनी नहीं
कभी अपना न लिखता, किसी तार में

जाने क्यूँ ऐतबार नहीं तुझे मेरे इश्क पे
गलत होता मैं , छोड़ जाता मझधार में

मैं तेरे अहसानो का कर्जदार हो गया हूँ
चुकाने को मूल मैं बिक गया बाज़ार में

अब ना आएं, वो लम्हे लौट कर गम के
इबादत है तुम खुश रहो अपने संसार में

#गुनी…

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