ना यूँ कि मैं घर मे एकलौता हूँ

शुभ प्रभात …

एक हाथ है जो सदा उठता है मुझे चुप कराने को, जब जब मैं रोता हूँ
सुकूँ से सोता हूँ , जब मैं अपनी अम्मा की गौद मे सर रखकर सोता हूँ
माँ खुद जागती है , मुझे सुलाती है , खुद रोती है , मुझे चुप कराती है
बस यूँ प्रेम करती है कि उसका बेटा हूँ, ना यूँ कि मैं घर मे इकलौता हूँ

#गुनी…सिर्फ तू ही तू माँ

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