जाने से पहले..
घर की मुंडेर पर बैठे परिंदे भी पूछ लेते हैं, मेरा हाल आजकल
तकलिफ़ है आंसुओं से उनके, वो नहीं रखती ख्याल आजकल
कहती हैं धड़कन को भूलाना लाजमी है, जो तकलीफ देती हों
जाने-अनजाने में किया नजरअंदाज , है यही मलाल आजकल
#गुनी…
मेरी अपनी कहानी
जाने से पहले..
घर की मुंडेर पर बैठे परिंदे भी पूछ लेते हैं, मेरा हाल आजकल
तकलिफ़ है आंसुओं से उनके, वो नहीं रखती ख्याल आजकल
कहती हैं धड़कन को भूलाना लाजमी है, जो तकलीफ देती हों
जाने-अनजाने में किया नजरअंदाज , है यही मलाल आजकल
#गुनी…