सिर्फ तुम्हारे लिए …. अब तो यकीं करो
एक बार फिर ख़त का सिलसिला होगा मुझे इन्तजार था
खुद पर हो न हो मुझे फिर प्यार और तुझ पर एतबार था
तेरे जाने के बाद हमने हर शाम , एक नया जाम बनाया
प्याले में बस तेरा अश्क नजर आता शायद चमत्कार था
किसी ने दी खबरे कि तुझे न फ़िक्र है न जिक्र है जुबां पर
जो हाल-ए-दिल बयाँ करता था , मेरे दिल का अख़बार था
मैंने वजूद देखे टूटते बहुत मेरे अपने मौहब्बत के शहर में
आज भी पहचान बचा रखी है , बस तेरे लव्जो का तार था
कोशिश तो बहुत की आंधी और तुफानो ने हमें गिराने की
गुनी को जिसने संभाला वो सिर्फ और सिर्फ तेरा प्यार था
#गुनी ….. शुभरात्रि