अच्छा तू बचपन में मर जाता

शुभ प्रभात (क्षमा सहित मुक्तक)

छिपकर बैठा घर में इससे तो अच्छा तू चूहे , बिल्ली और कुत्तो से डर जाता
याद तुझे भी करते सारे हिंदुस्तानी घडी घडी पर जो तू काम बड़ा कर जाता
आज तू भूल गया है, माँ के सब उपकार, आशीर्वाद और माँ का अद्भुत प्यार
युवा होकर माँ के कर्ज को भूल गया इससे तो अच्छा तू बचपन में मर जाता

#गुनी…

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