धड़कन भी तेरी है

क्या शक्ल, क्या सूरत, दिल की खूबसूरती जरुरी है
बिना मौहब्बत के इंसान की कमाई आधी अधूरी है
कुछ क्षण और गुजर जाएंगे मेरे , आंसुओ के सहारे
मैं तो ना झुकता धड़कन भी तेरी है यही मजबूरी है

#गुनी…शुभरात्रि

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