बैठकर काम नहीं चलेगा भारत के खून की एक एक बूंद में उबाल होना चाहिए
चढ़ता और गिरता रहता है रूपया, गिरने दो, अब आँखों में उछाल होना चाहिए
और ये क्या कायरो की तरह बैठो हो दुपक कर घरो में , अब तो बहार निकलो
ना हिन्दू है ना मुस्लिम है होना हो तो हम सब आजाद है ये बबाल होना चाहिए
#गुनी…