अपने ही बगावत करते हैं

कुछ लोग बिना बताये , कुछ बताकर शरारत करते हैं
कुछ मज़बूरी से, कुछ दरियादिली से हिमायत करते हैं
और नहीं निभाते, ये रिश्ते भी दिली मौहब्बत से लोग
लोगो की छोडो , अब तो अपने ही बगावत करते हैं

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