मैं मान रहा मैं मान रहा इन वीरो ने ही आजादी दिलवाई है
ये सैनिक नहीं, भारत के आत्मविश्वास की लड़ाई है
परसों लड़े थे काकोरी में, कल लड़े थे सीमा पर
आज दिलाने आजादी, दिल्ली में हुँकार लगाई हैं
परसों गाया जन गण मन था, कल गाया वन्दे मातरम है
दुश्मन आगे आज इन्होने इन्कलाब की बोली गाई है
न जाने कोई किसी का बेटा होगा, भाई होगा अपना
फिर करने रक्षा माँ की मेरी, इन वीरो ने ही जान गवाई है
देखा सपना मैंने भी था, सैनिक बनकर रहने का
फिर मिटाने भ्रष्टाचार नेता आगे गुहार सुनाई है
माँ की गौदी में रोया करते थे, लौरी सुनकर सोया करते थे
बचाने शांति भारत की, इन जांबाजो ने आवाज उठाई है
माँ को माँ का दर्जा देना ही सिखाया है, कितना प्यार था माँ से
मौत भी इन शहीदों की, आज माँ की गौदी में ही आई है