वीर खड़े सीमा पर तपते।
भारत माता की जय जपते।।
इनको देखे, दुश्मन भागे।
सिँह भी आकर, माफ़ी मांगे।।
माँ की खातिर रातो जागे।
हमरी खातिर घर भी त्यागे।।
हम क्या इनकी गाथा गावे।
अपने गुण ये स्वयं सुनावे।।
मेरी अपनी कहानी
वीर खड़े सीमा पर तपते।
भारत माता की जय जपते।।
इनको देखे, दुश्मन भागे।
सिँह भी आकर, माफ़ी मांगे।।
माँ की खातिर रातो जागे।
हमरी खातिर घर भी त्यागे।।
हम क्या इनकी गाथा गावे।
अपने गुण ये स्वयं सुनावे।।