मैंने “उन्हें” चुना हैं

मोहब्बत की उलझनों से मैंने तक़दीर को बुना है
टिमटिमाते तारो से भी मैंने एक संगीत सुना है
समय के साथ बदल जाया करते हैं लोग
बदलते लोगो को देखकर ही मैंने “उन्हें” चुना हैं

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