सफर लम्बा हो तो रास्तो में , अभिमान की जरूरत क्या है
सीख ली हो जो अदा दरख्त सी मचान की जरूरत क्या है
यकीनन आजकल दस्तूर है मियां, बड़े बड़े आशियानों का
दिलो में जगह बनाना सीख लो, मकान की जरूरत क्या है
मौहब्बत तो खेल ही है , कम्बख्त इन बेजुबान निगाहो का
इशारो से कर सके बयाँ जो तू , ज़ुबान की जरूरत क्या है
महज ऐतबार का ही है यह सारा का सारा किस्सा जनाब
इश्क की राह पर, किसी और दास्तान की जरूरत क्या है
खुदा की औलद है, जमीं पर हर शख्स उसी का अक्स है
मौहब्बत का सबक सीख लो , अजान की जरूरत क्या है
#गुनी…