दिल की बात बताने में, हर्ज ही क्या है
जो मौहब्बत है उसको जताने में, हर्ज ही क्या है
जब तलक साँस में साँस है मेरी बाकी
कम्बख्त ये मौहब्बत निभाने में , हर्ज ही क्या है
गर तेरी हर ख्वाईश ही है मेरी जिंदगी
तेरी खातिर अब सर झुकाने में , हर्ज ही क्या है
जब हो अंधेरा दूर तक कहीं वीराने में
दिलो में एक चिराग जलाने में , हर्ज ही क्या है
गुनी इतना किया है इंतजार आज तक
थोड़ा सा और वक़्त बिताने में , हर्ज ही क्या है
#गुनी… नई कोशिश 🙏🙏