दोस्तो को सलाम, लीजिये हाज़िर है बहर में पहली कोशिश आपकी खिदमत में
बहरे-मुतकारिब की मुज़ाहिफ़ शक़्ल
फ़ैलुऩ
मेरे दिल के हर जर्रे में एक नाम ठहर जाता है
22 11 2 11 112 2 11 21 111 22 2
कोई है भीतर मेरे जिसका रूप उतर जाता है
22 2 2 11 22 112 21 111 22 2
#गुनी…