एक किस्सा है मगर मुझे वो सुनाना नहीं है
दरअसल मेरी सुने, ऐसा तो जमाना नहीं है
इस कम्बख़्त दिल की गहराई बहुत है वैसे
मगर उसे नापने वाला, कोई पैमाना नहीं है
यकिनन, असली ज़ख्म मेरे भीतर है कहीं
मेरे यार मुझे वो किसी को दिखाना नहीं है
मेरा इश्क, मेरी वफ़ा, सब कुछ तेरे हवाले
संभालो इनको वरना मुझे सीखाना नहीं है
चलो आज की शुरुआत, तुम से की जाए
सच में मेरे पास आज कोई बहाना नहीं है
लम्बा रास्ता था , मगर सीख कर आया हूँ
ये दिल फिर किसी दिल से लगाना नहीं है
इश्क किया और करता भी रहूंगा तुम्हीं से
राज को राज रखा, नाम तो बताना नहीं है
गुनी शायर, नाकाम ही सही तेरी नजरो में
अब मुझको , और अधिक कमाना नहीं है
#गुनी… 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻