जख्मो का किस्सा, किसी का कम नहींप्यासे से पूछो, समंदर से दूरियां कैसी हैं ये […]
ठिकाना बदल लिया है मंजिलो ने
हमारे बीच फ़ासलें ही ज्यादा थे हमेशा से कि समझ नहीं आता हमने रास्ता बदल […]
स्वागत मेरा, मेहमान करते हैं
खुद को बड़ा अकेला महसूस करता हूँ आजकलजब मेरे ही शहर में स्वागत मेरा, मेहमान […]
कोई भी मर लेता
बात सिर्फ हिफ़ाजत की होती तो कोई भी कर लेतानाम से फर्क पड़ता तो चुहा […]
मेरा दख़ल मुनासिब न था
तेरी जिंदगी में मेरा दख़ल मुनासिब न थामगर चाँद का दीदार तो जमाना करता है […]
ईद ही भूल गया
इतना व्यस्त हो चला भाग दौड़ में कम्बख्त मुबारक ईद ही भूल गया #गुनी…
कोई शिष्टाचार नहीं है
अपनी माँ को गाली देना ये कोई शिष्टाचार नहीं हैछोड़ दो धरती जिनको इस धरती […]
बिन कारण तो फूल भी रास नहीं आते
गलती हो, तो कांटो पर सुला देना हमें,बिन कारण तो फूल भी रास नहीं आते […]
कुत्ते के हिस्से में हिन्दुस्तान
माँ की गाली देकर मुरखो ने नाम राष्ट्रगान दियाखुदा भी रोया किन मुरखो ने इन्हें […]
कदमो ने इतनी ठोकरें खाई हैं मेरे
कदमो ने इतनी ठोकरें खाई हैं मेरे,हाथ भी सोचकर ही मिलाता हूँ आजकल #गुनी…