जमाने से मैं उम्मीद लगाकर बैठा था वफ़ा की आज किसी तूफां को बड़े नजदीक […]
ख्वाब रह गया
छिप गया चाँद देखो चेहरे पर सिर्फ नकाब रह गया रात भर देखा था अधूरा […]
कहाँ किसी ने रोका है
आकाश के परिंदों की उड़ान को कहाँ किसी ने रोका है और ऊंचा उठो तुम, […]
जिस्म बेकार में है
तुझे ख्याल भी है इस बात का, गुनी कबसे तेरे इंतजार में हैं दिल तेरा […]
किताबो में लिखा है,
गुनहगार को मौत तक , आसानी से नहीं आतीमुजरिम मौहब्बत का हो तो मौत ही […]
चिराग जलाया तो होता
खुदा से मुलाकात की ख्वाईश तेरी मुकम्मल हो जातीफकत , गरीब के घर में इक […]
हर्ज ही क्या है
दिल को दिल की बात बताने में, हर्ज ही क्या हैजो मौहब्बत है उसको जताने […]
फिर चाहे कलम तोड़ दी जाए
आज वो पहली मुलाकात की कसम तोड़ दी जाएतुझे अपना लिख दूं फिर चाहे कलम […]
मौहब्बत कहाँ होती है आजकल
बाज़ार लगता है साहब , मौहब्बत कहाँ होती है आजकलखूब बिकता है प्यार भी, हकीकत […]
कसूर तस्वीरों का है ही नहीं
कसूर तस्वीरों का है ही नहीवो चेहरा रोज बदल लेती है #गुनी…