कम्बख्त ने खुद को बड़ा मशहूर रखा है
कल जो था आज भी वही ग़ुरूर रखा है
रास्तो को बदलना बड़ा आसान था वैसे
उसकी यादो ने बना कर मजबूर रखा है
जब भी देखता हूँ , निगाहें नहीं मिलती
उसने छुपा कर जो खुदा सा नूर रखा है
बस कहीं भूल ना जाऊं किसी रोज उसे
इस वास्ते खुद को जमाने से दूर रखा है
खुद बाखुद इन सितारों को दूर जाना है
इसमें गुनी का कहाँ कोई कसूर रखा है
#गुनी…