छोले मिलते देखें होंगे किसी चौराहे पर बेकार वाले ….
कौन अपना, और कौन पराया
ये तो मतलब की है सारी माया
अब नाराज खुदा भी, है मुझसे
मुझको धूप और तुझको छाया
अब चेहरों पर भी, चेहरे लगे हैं
कोई किसी को , जान ना पाया
खून की इनको प्यास लगी है
डूब नशे में मिलकर खूब खाया
कलयुग में भाई, भाई से लड़ता
कौन सुंदर किसकी मैली काया
जिंदगी में सबकी दौड़ लगी है
न मैं तुझको न तु मुझको भाया
कर्मो की किताब लिखी पड़ी है
कोई किसी खातिर कभी आया
अब शतरंज की बाजी उल्टी है
नन्हें प्यादो ने, राजा को हराया
इस घने जंगल में हैरान सभी है
बिल्ली ने कैसे, शेरो को डराया
#गुनी…