हर शख्स के कईं किरदार हैं आजकल
जिन्हें खबर है वे समझदार हैं आजकल
शहजादी सी हो गई बेटियों की परवरिश
दरअसल बेटे कहाँ होनहार हैं आजकल
एक दुश्मन तो हो किसी आईने की तरह
वैसे तो हमारे भी , कईं यार हैं आजकल
महज लोग ही रहते हैं, एक छत के नीचे
मियाँ किसने देखें , परिवार हैं आजकल
मत पूछना गुनी तुम रास्ता भी किसी से
यहां दिलो में छिपे हथियार हैं आजकल
#गुनी…