लिए खड़े हैं हम खुल

मित्र मेरे करीब के टोक देना हमको गर करें हम कोई भूल
खुद भी चलना तुम संभलकर कहीं लग न जाये कोई शूल
अब किसकी राह तकते हो मित्र क्यूँ इतना विलम्ब किया
आओगे जल्दी सखा बस ये सोच , लिए खड़े  हैं  हम  फूल
#गुनी …

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