लोकतंत्र का हूँ सैनिक , सत्ता पर तीखे वार लिखूंगा
युवा हूँ, मैं युवाओ की खातिर नया हथियार लिखूंगा
उल्टा सीधा जो भी हो आज जला कर राख करूँगा
गद्दी पर बैठे बैठे लूट रहे उन्हें मिटा के ख़ाक करूँगा
शहीदों के रक्त की बूंद बूंद का आज हिसाब मांगूंगा
लाख दो लाख की थी जिंदगी इसका जवाब मागूंगा
रहे बुलंद सदा आवाज हमारी वो अधिकार लिखूंगा
लोकतंत्र का हूँ सैनिक , सत्ता पर तीखे वार लिखूंगा
युवा हूँ, मैं युवाओ की खातिर नया हथियार लिखूंगा