माँ…

माँ देवी है, दौलत हैं, प्रेम के रिश्तो की मूरत है
न करती निवास मंदिर में, भगवान सी सूरत है
न रोटी, न कपडा ,नहीं चाहिए मुझे मकान
बस जान लो इतना मुझे मेरी माँ की जरुरत है

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