मौसम लाजवाब है, मौला इस हवा को यूँ ही बहने दो
गाते हैं पंक्षी भी मौहब्बत में, इन्हें बस यूँ ही रहने दो
अब लौटकर न आये वो चिलचिलाती धूप और गर्मी
मैं खुश हूँ इन वादियों से, बस मुझे मेरी बात कहने दो
मेरी अपनी कहानी
मौसम लाजवाब है, मौला इस हवा को यूँ ही बहने दो
गाते हैं पंक्षी भी मौहब्बत में, इन्हें बस यूँ ही रहने दो
अब लौटकर न आये वो चिलचिलाती धूप और गर्मी
मैं खुश हूँ इन वादियों से, बस मुझे मेरी बात कहने दो