मीत लिख रहा है

जहन में  भीतर  जाने कौन गीत लिख रहा है
हजारो – लाखो में आपसी  प्रीत  लिख रहा है
और तुम बेशक समझ लो दुश्मन उसे अपना
वो तो कब  से  तुम्हें अपना मीत लिख रहा है

#गुनी…

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