मन है

जिंदगी को नये सिरे से जीने का मन है
उड़ने का ख्याल है चूमना मुझे गगन है

झूठे आँसू मेरे, सच्ची खुशी चेहरे पर
देखो कितना खूबसूरत मेरा बचपन है

खुद की खातिर, जीना भी खूबसूरत है
किसी के लिए मर जाने में भी अमन है

क्या होगा हासिल आदमी को चीर कर
ओढ़ना तो सबको महज एक कफन है

रात भर किसी दर्द से करहाता रहा वो
यकीनन, उसके दिल में कोई चुभन है

वक़्त गुजरा घाव भर गए सारे के सारे
मगर उन ज़ख्मो की अब तक दुखन है

अब खुद से भी, मेरा कोई वास्ता नहीं
अब कौन मेरा दोस्त या कौन दुश्मन है

एक दूसरे को डुबाने के लिए दरिया में
हर एक अपने अपने तरीके से नगन है

इस कदर गिर गया अपनी हरकतों से
सही या गलत अब बस यह उलझन है

कम्बख़्त ये ईमान ही बेईमान है तुम्हारा
ये उधर बह लेता है, जिधर की पवन है

खुले आम गालियां, हत्या, बलात्कार
शायद नई पीढ़ी का नया अनुशासन है

दौपद्री के एक नवावतार की है जरूरत
दरअसल , बचाने वाला ही दुशाशन है

हजारो मुल्क़, सबकी अपनी खासियत
मुझको सबसे प्यारा मेरा अपना वतन है

#गुनी…

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