पुरानी यादें और मेरी तकदीर बदल गयी
खो गयी पहचान पूरी तस्वीर बदल गयी
मुझे भी डर था, बिछुड़ जाने का तुझसे
समय, मैं और साथ मेरी पीर बदल गयी
मौहब्बत ही कमजोर हो गयी आजकल
शायद, कैदखानों की जंजीर बदल गयी
कम्बख्त इतिहास , आज भी वैसा ही है
रांझा बदल गया, शायद हीर बदल गयी
सोच में हूँ मैं, कहीं मेरी सोच बदल गयी
या ‘गुनी’ के हाथों की लकीर बदल गयी
#गुनी…