तोड़कर बस्तियां

लोग तो लगे पड़े हैं तोड़कर बस्तियाँ महलो को सजाने में
काम काज छोड़कर घरो का अपने खुद को नेता बनाने में
एक बार फिर खबरदार करता हूँ मत दे तू यातनाएं इतनी
दुःख ही होगा , और क्या रखा है गरीब का दिल दुखाने में

#गुनी…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *