कैसा रास्ता बताऊँ मैं

हद हो गई लोगो की बातो से मुकरने की
तोड़ने, टूटने और फिर खुद बिखरने की
आखिर उन्हें क्या, कैसा रास्ता बताऊँ मैं
जिन्हें आदत न हो, संभलकर चलने की

#गुनी…

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