एक इशारा मिल जाता

सभी जीवो को प्रणाम 🙏🙏🙏🙏 छोटी सी कोशिश

न दौलत, न शौहरत, महज तेरा एक इशारा मिल जाता
हो लेता खुश मैं भी, बस प्यासे को किनारा मिल जाता

इस बार सुनसान जजिरे पर आबाद शहर बना देता मैं
अगर मुझे किसी हाल में मेरा वो घर दुबारा मिल जाता

मैं सच में, जिंदगी भर की खातिर साथ मांग लेता तेरा
सिर्फ एक बार, आसमान से टूटता सितारा मिल जाता

बेसक तुझे गलतफहमी है कि मैं भूल नहीं सकता तुझे
कभी का भूल जाता, अगर तेरे जैसा प्यारा मिल जाता

काश कि मुझमें भी हिम्मत होती खुद से दगा करने की
कहीं दूर चला जाता तो तुझे जवाब करारा मिल जाता

हम ठहरे सीधे – साधे – शरीफजादे, बस कवि ही तो हैं
बात बिगड़ती जो अनपढ़ गवार या अवारा मिल जाता

#गुनी…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *