एक अवसर मुझको भी ऐसा मिल पाया था

एक अवसर मुझको भी ऐसा मिल पाया था
माँ ने हाथो से अपने मुझको झुला झुलाया था
पापा ने कहकर बेटा अपने गले मुझे लगाया था
बदल गयी थी जिन्दगी मेरी
जब मैंने सेवा उनकी करने का मौका पाया था

एक अवसर मुझको भी ऐसा मिल पाया था

करके पढाई मैं भी कक्षा में अव्वल आया था 
देकर सम्मान मुझको शिक्षक भी मुस्काया था
चमक उठी थी तक़दीर मेरी
जब मैंने नन्हे हाथो को लिखना सिखलाया था

एक अवसर मुझको भी ऐसा मिल पाया था

दिल से मैंने अपने उसको यूँ ही नहीं अपनाया था
ना जाने कैसे कैसे आँखों से अपनी पानी बरसाया था
चहेरे पर मुस्कान थी मेरे
जब उसको मैंने संग अपने सपने में पाया था

एक अवसर मुझको भी ऐसा मिल पाया था

घूम घूम कर कालेज में मैंने दाखिला पाया था
करी पढाई फिर अंक पूरा एक कम मेरा आया था
ख़ुशी से उछल रहा था मैं
जब देखा मित्रो का परिणाम मेरे आसपास ही आया था

एक अवसर मुझको भी ऐसा मिल पाया था

घिस कर जुते अपने नौकरी का अवसर पाया था
साक्षत्कार ने मुझको मेरे उस दिन खूब डराया था
अब रोने का दिल करता था मेरा
जब बीच समंदर में मैंने खुदको अकेला पाया था

एक अवसर मुझको भी ऐसा मिल पाया था

पत्नी ने आकर जिन्दगी में हौसला मेरा बढाया था
दिया एक खिलौना बेटा ऐसा जो मुझको खूब भाया था
इसी तरह खेल रहा था
जब मैंने घर को अपने देखे मेरे सपनो से सजाया था

एक अवसर मुझको भी ऐसा मिल पाया था

छोड़ चुका था दुनिया सारी यम ने मुझे बुलाया था
मृत पड़ा जमीं पर फिर भी खुद को जिन्दा पाया था
देख रहा था मैं भी सब कुछ
जब समझा मुझको पराया मेरे अपनों ने ही मुझे जलाया था

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