मेरा गांव …. और वहां के लोग
एक एक घर मंदिर था मेरे गांव का
बेशक मेरे गांव के सारे घर कच्चे थे
दिल से दिल का रिश्ता था लोगो में
गरीबी गहना थी, वो इतने अच्छे थे
खुली आंखो से भी, सपने देख लेते
गांव के भोले लोग, बड़े ही सच्चे थे
खुशियों को समेट न सके झोली में
सच तो ये है उस वक़्त हम बच्चे थे
#गुनी…