मेरे वतन के कारनामो पर तू कल भी हैरान था आज भी हैरान हैमेरा वतन […]
तस्वीर दिखानी होगी
इस चिंगारी से कुछ ना होगा फिर एक बार मसाल जलानी होगीचाकू – छुरी रखो […]
सरताज हो
काश मेरे ये लब्ज तेरे होठो से निकले मधुर अल्फाज हो मेरे कदमो में चाल […]
कदमो से कदम मिलाने
तुमने जिस राह से गुजरना छोड़ दिया मैं उसी राह पर निकला हूँ इसलिए नहीं […]
हिन्द का नाम होना चाहिए
गौरवान्वित हो शहीद साहसी पुरुष आज ऐसा कोई काम होना चाहिएभूल जाओ बेबी डोल दिल-जिगर […]
मिट्टी साफ कर उस पर अपना हक़ जताने
पता नहीं इश्क है या हमदर्दी हमसे कि सपने में भी चली आई अपना बनानेतहेखाने […]
भ्रम अच्छा है
आज यकीं हो चला है तुम आई और चली गई ये क्रम अच्छा हैलगता होगा […]
मोती लगती है तब शीशा लगेगा
ख़ास के लिए अपने गुरुर को संभाल कर रखना शायद किसी रास्ते में ये तुझे […]
माँ भारती को बचाना है
एक सुबह उठकर बोला माँ कपडे दो सीमा पर मुझको जाना हैतुम तो मेरी अपनी […]
करवा चौथ विशेष
बड़े निक्कमे हैं वो लोग जो इस मुक्तक पर खरे उतरते हैं हमें भेज दफ्तर […]