वतन के वास्ते …

हंसने हंसाने का काम बहुत हुआ , अब रहा नहीं कोई बाकि
पीने पिलाने का भी खूब चला, हमसा न मिलेगा कोई साकी
अब तो कर जाओ कुछ काम ऐसा , अपने वतन के वास्ते 
फक्र से ले सके नाम तेरे जाने के बाद , औलाद तेरी ताकि

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