हरा दुप्पटा काला सूँट सबका रंग फीका है
यकीनन तेरे चेहरे का रंग , बेहद सुनहरा है
ये कंगन, ये बाली तेरी, कैसी है इन्हें खुशी
शायद इनसे भी , तेरा रिश्ता कोई गहरा है
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ये बिंदिया तेरी माथे की काबिले तारीफ है
जहां तु है वहां रोशनी बाकि सब अंधेरा है
खोये खोये से हैं ख्याल , सुंदर भी हैं बाल
तुमसे संध्या तुमसे रात, तुमसे ही सवेरा है
#गुनी…