न बम से, न बन्दुक से

आज मैं तेरे अंहकार को जगाना चाहता हूँ
सो गई थी जो वीरता उसे उठाना चाहता हूँ
न बम से, न बन्दुक से, बस तेरे बलबूते पर
नापाक हैं जो मंजिल, वो गिराना चाहता हूँ

#गुनी …

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