जब से गयी हो मैं मुजस्सिमा हो गया हूँ पग पग पर ठहर जाने को […]
खत नामंजूर हुआ है
भला ऐसा हुआ है कभी लहरें समन्दर से नाता तोड़ लें यकीनन मेरी सिफारिशों का […]
मेरे बारे में ख्याल क्या है
ख्वाब से निकलकर पूछ लो मेरा हाल क्या है कभी दिल को पढ़कर देख लो […]
गुनी का कहाँ कोई कसूर रखा है
कम्बख्त ने खुद को बड़ा मशहूर रखा है कल जो था आज भी वही ग़ुरूर […]
असल किरदार में आ
वाकई खबर है तो आ, किसी अखबार में आ झूठा नकाब उतार कर असल किरदार […]
हैरान न होईये
गुनी फिर से हाज़िर है खिदमत में जनाब हैरान न होईये आज मौहब्बत पर कर […]
नजर मिल गयी
एक दफा हमारी, उनसे कहीं नजर मिल गयी यूँ मानिये हमें सारे जहां की खबर […]
नजर मिल गयी
एक दफा हमारी, उनसे कहीं नजर मिल गयी यूँ मानिये हमें सारे जहां की खबर […]
उम्मीद वफ़ा की
जमाने से मैं उम्मीद लगाकर बैठा था वफ़ा की आज किसी तूफां को बड़े नजदीक […]
ख्वाब रह गया
छिप गया चाँद देखो चेहरे पर सिर्फ नकाब रह गया रात भर देखा था अधूरा […]