एक लम्बा सफ़र तय किया, और न जाने कहाँ आ गया हूँ जहाँ न जमीं है न आसमां, न अपने हैं न पराये, न सुख है न गम, जहाँ देखता हूँ वहीँ पत्थर ही पत्थर नजर आते है खुद को इन पत्थरो के बीच फसा हुआ महसूस करता हूँ समझ नहीं आता क्या मैं पत्थरो में फसा हूँ या खुद पत्थर बन गया हूँ…!
#गुनी …