किसी को रात भर जगाना, ठीक नहीं है
अपनी ही रूह को सताना, ठीक नहीं है
हमारा दिल हमारे पास, तुम्हारा तुम्हारे
फिजूल इल्जाम लगाना , ठीक नहीं है
आना जाना , आकार फिर चले जाना
तुम्हारा ये वाला बहाना , ठीक नहीं है
यक़ीनन तुम्हारी हर बात पर है यकीन
मगर अधूरा सच बताना, ठीक नहीं है
गुनी तुम्हारा हक़ , करो नीलाम बेशक
किसी का दिल जलाना , ठीक नहीं है
#गुनी…