अमन तो मुमकिन है , बस कुछ वीर – जवान चाहिए
जो जीते हो दूजो के लिए वो व्यक्तित्व महान चाहिए
मरने और मारने को तो अब सब तैयार खड़े हैं देश में
सब को एक छाया दे बस ऐसा एक आसमान चाहिए
बहक जाते हैं रोज ही चंचल मन इन वीरानी राहो में
सबक बनकर उतर जाये जो दिल में अब ज्ञान चाहिए
कुछ सिक्को के लिए खूब टूटती है ये डोर रिश्तो की
लाखो और करोडो भी ठुकरा दे सच्चा ईमान चाहिए
नहीं हिचकते उगलने में लोग कडवी जुबां शब्दों को
मीठे शब्दों से अपना बना ले , मिसरी जुबान चाहिए
भीख में चंद लोहे के सिक्के देखर खुश हुआ करते हैं
बचा सके किसी की जान आज ऐसा खूनदान चाहिए
अब तो युवाओ के मुह से धुएं के छल्ले उड़ते हैं घरो में
अपने बड़ो के चरणों को हाथ लगाये बस मान चाहिए
अत्याचार बहुत हुए हैं सहे जो तेरी-मेरी भारत माता ने
सर कलम कर दे अत्याचारों का वो हिम्मत-जान चाहिए
मर जायेंगे ये तो अपनी माँ की खातिर सीमा रेखा पर
बस मेरे देश में इनको लाखो करोडो नहीं सम्मान चाहिए
महँगी से महँगी किताबे पढ़ विद्वान हो रहे हैं हम सब
इन मुफ्त छोटी बातो को समझो थोडा सा ध्यान चाहिए
रोज नहीं लिखे जाते ये वायेदे मेरे दोस्तों इन किताबो में
हम रुक जाते कहीं लेकिन भारत को भी पहचान चाहिए
सरहदों पर मिट जाती है दुनिया और जिन्दगी सारी
जहाँ न हो जालिम सरहदें ‘गुनी’ को वो जहान चाहिए
#गुनी …