वही मेरी नजर में है

जाने कब से मेरा दिल तेरे दिल के असर में है
अश्क जो तेरी नजर में है वही मेरी नजर में है

हीर रांझा की क्या, कहानी बयाँ करूँ मैं तुझे
अरे, मेरी तो खुद की मौहब्बत भी खबर में है

मैं नाजाने कब से तेरे शहर, तेरे मौहल्ले में हूँ
तुझे खबर भी नहीं , तू किसी और नगर में है

रूह काँप जाती, दरमियां दूरियों की वजह से
इश्क महफूज है जब तक कोई एक डर में है

मत कर डुबाने की नाकाम  कोशिशे जालिम
देख ले ये  गुनी तो  पहले से ही समंदर  में  है

#गुनी…

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