दोस्ती नसीब नहीं होती

सुप्रभात मित्रो

आज बहुत दिनों बाद एक मुक्तक निवेदित करता हूँ उम्मीद है शायद आप सभी को पसंद आएगा। आप सभी अपना स्नेह और आशीष इस नन्हे नामझ बालक पर बनायें रखें

मंजिले हासिल नहीं होती , फिजूल की बाते बनाने से
लोग मर्जी से सुनते हैं , नहीं सुनते किसी के सुनाने से
माना कि सब कुछ ही मिलता है, माँगने पर दरगाह में
मगर दोस्ती नसीब नहीं होती, मंदिर में सर झुकाने से

#गुनी…अनमोल है दोस्ती

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