दोस्ती ….

वो दोस्ती ही क्या जिसमे तेरा मेरा विश्वास न हो
वो लम्हे ही क्या जिसमे मेरा दोस्त पास न हो
सहारा तो एक लाठी भी दे दिया करती है दोस्तों
वो साथ ही क्या जिसमे मेरे आंसुओ का अहसास न हो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *