उठाकर मेरे देश का इतिहास देखो, यहाँ वीरो की कमी नहीं होगी
किसी के डर से शाहदत और बलिदान की आंधी थमी नहीं होगी
और जो सोच राहें हैं अपने कुपुतो के दुष्कर्मो को फकत कसूर
जल्द आएगा एक दिन, जब पैरो तले उनके भी जमीं नहीं होगी
मेरी अपनी कहानी
उठाकर मेरे देश का इतिहास देखो, यहाँ वीरो की कमी नहीं होगी
किसी के डर से शाहदत और बलिदान की आंधी थमी नहीं होगी
और जो सोच राहें हैं अपने कुपुतो के दुष्कर्मो को फकत कसूर
जल्द आएगा एक दिन, जब पैरो तले उनके भी जमीं नहीं होगी