मक्कारो की टोली

गोली खाने की तमन्ना सीने पर न दिल से अब जाएगी

फिर कहता हूँ नादानों अब मनमानी ये चल न पायेगी

मैं मरने को पैदा हुआ हूँ, संघर्ष करूँगा हक़ की खातिर

अब मक्कारो की टोली ये मुफ्त का ज्यादा न खाएगी 

#गुनी …

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