पिछले अंक में दरोगा जी थाने में चले गए थे और दरोगा जी की बीबी […]
#गैर और #अपने
मैंने #गैरो पर गुस्सा करना छोड़ दिया है, और #अपना कोई है नहीं दुनिया में […]
दरोगा जी — अंक – 1
हर बार की तरह इस बार भी दरोगा जी अपने घर पर अपनी बीबी की […]
#ख़ुशी …
मुझे उनसे बाते करके #ख़ुशी मिलती है, और आजकल मुझे बस खुशियाँ ही चाहिए…! #गुनी […]
जीवन की सबसे बड़ी भूल
जीवन की सबसे बड़ी भूल केवल और केवल ये है कि…..आप ये सोच लें “कोई […]
क्या है मेरा
कभी कभी जीवन में कुछ ऐसा मिल जाता है जिसके लायक आप नहीं या वो […]
प्यार का जाल
गरीब हूँ बेसक मन में शक्ति हाथो में ढाल रखता हूँपा लूँगा बुलंदियां एक दिन […]
रूप तराशते
तुम फूलो से सजा देती हो मेरे आने वाले रास्ते किताब खोलती हो मेरा ही […]
लिए खड़े हैं हम खुल
मित्र मेरे करीब के टोक देना हमको गर करें हम कोई भूलखुद भी चलना तुम […]
अश्क-ए-नैना
अश्क-ए-नैना मेरे इतने फिजूल नहीं कि मैं ऐसे ही इन्हें बहने दूँरिश्ते मेरे इतने भी […]